7 ancient rivers of india

नदियाँ, ये केवल जल का स्रोत नहीं हैं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक हैं। सनातन धर्म में नदियों को माँ का दर्जा दिया गया है, और इनसे जुड़े हर श्लोक में एक प्रार्थना, एक आस्था और एक आशीर्वाद समाहित है।

“गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलेऽस्मिन्सन्निधिं कुरु॥”

अर्थ: हे *गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिन्धु और कावेरी! इस जल में अपनी पवित्रता का संचार करें।

सनातन धर्म में इन सात नदियों का जल केवल जल नहीं, बल्कि मोक्ष और पवित्रता का प्रतीक माना गया है। आइए, इन सप्त नदियों के महत्व, शास्त्रों में इनके उल्लेख और उनके धार्मिक महत्व को समझते हैं।

1. गंगा (Ganga) – मोक्षदायिनी माँ गंगा

“गंगा तव दर्शनात्पूता जाते जननी महानदी।
त्वमसि मूर्तिर्मोक्षदा जीवनस्य सद्गति:”

अर्थ: हे माँ गंगा, आपके दर्शन मात्र से व्यक्ति पवित्र हो जाता है। आप मोक्षदायिनी हैं और जीवन को परम गति प्रदान करती हैं।

गंगा का महत्व

🌊 गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि माँ का स्वरूप हैं।
📜 गंगा का उल्लेख रामायण, महाभारत और पुराणों में मिलता है।
🔱 गंगा का उद्गम भगवान शिव की जटाओं से हुआ माना जाता है।
🏞️ हरिद्वार, वाराणसी और प्रयागराज में गंगा का विशेष महत्व है।
✨ माना जाता है कि गंगा स्नान से पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

2. यमुना (Yamuna) – श्रीकृष्ण की प्रिय नदी

“यमुनामातः पवित्रा त्वं कृष्णप्रिया सदा भव।
कलिन्दगिरिसम्भूता पापहारिणि नमोऽस्तुते।”

अर्थ: हे यमुना माता, आप पवित्र हैं, श्रीकृष्ण की प्रिय हैं और पापों का नाश करने वाली हैं। आपको नमन!

यमुना का महत्व

🌊 यमुना, गंगा की छोटी बहन और श्रीकृष्ण की प्रिय मानी जाती हैं।
🏞️ यमुना की उत्पत्ति कलिंद पर्वत से मानी जाती है।
🌸 मथुरा और वृंदावन जैसे पवित्र तीर्थ इसके तट पर स्थित हैं।
✨ यमुना का जल हर प्रकार के विष को नष्ट करने वाला माना जाता है।

3. सरस्वती (Saraswati) – ज्ञान और विद्या की देवी

“सरस्वती महाविद्ये महापावनि धारिणि।
ज्ञानदायिनि संतोषे पावयित्री नमोऽस्तु ते।”

अर्थ: हे सरस्वती माता, आप महान विद्या और पवित्रता की धारिणी हैं। आप ज्ञान और संतोष प्रदान करने वाली हैं।

सरस्वती का महत्व

🌊 सरस्वती केवल एक नदी नहीं, बल्कि ज्ञान और विद्या की देवी का स्वरूप भी हैं।
📖 वैदिक काल में सरस्वती को सबसे महान और प्रमुख नदी माना जाता था।
🔬 ISRO के शोध से पता चला कि यह नदी आज भी धरती के नीचे प्रवाहित हो रही है।
✨ संस्कृत, वेद, शास्त्र और संगीत की देवी सरस्वती का संबंध भी इस नदी से है।

4. गोदावरी (Godavari) – दक्षिण की गंगा

“गोदावर्याः पवित्रे तव कूलं धृतं महा।
सर्वपापहरा भूत्वा त्राहि मां शरणागतम्।”

अर्थ: हे पवित्र गोदावरी, आपकी धारा पापों को हरने वाली है। कृपया मेरी रक्षा करें।

गोदावरी का महत्व

🌊 गोदावरी को दक्षिण भारत की गंगा कहा जाता है।
🏞️ इसका उद्गम महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर से होता है।
📜 रामायण में उल्लेख है कि भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान गोदावरी तट पर समय बिताया था।
✨ गोदावरी का जल पवित्रता और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है।

5. नर्मदा (Narmada) – शिव की पुत्री

“नर्मदायाः पावनं जलं शिवस्य पुत्री नर्मदा।
पापहरणि मां शुद्धं कुरु भक्त्या प्रसीद।”

अर्थ: हे नर्मदा माता, आप शिव की पुत्री हैं और आपका जल पापों का हरण करने वाला है।

नर्मदा का महत्व

🌊 नर्मदा को मोक्षदायिनी माना जाता है।
🏞️ इसका प्रवाह मध्यप्रदेश और गुजरात से होता है।
🔱 शिवलिंग और महाशिवरात्रि के महोत्सवों का विशेष संबंध नर्मदा से है।
✨ माना जाता है कि जो नर्मदा परिक्रमा करता है, उसे सारे पापों से मुक्ति मिलती है।

6. सिन्धु (Sindhu) – सभ्यता की जननी

“सिन्धुस्तव महावीर्यं पृथिव्याः सञ्जात रूपिनी।
समुद्रवति गङ्गावत पावय मां सदा सदा।”

अर्थ: हे सिन्धु माता, आप पृथ्वी की शक्ति का स्वरूप हैं। कृपया मुझे पवित्र करें।

सिन्धु का महत्व

🌊 सिन्धु नदी को भारतीय सभ्यता का पालक कहा जाता है।
📜 सिन्धु घाटी सभ्यता का विकास इसी नदी के तट पर हुआ था।
🌏 इसका प्रवाह भारत से पाकिस्तान तक फैला हुआ है।
✨ भारत का नाम ‘इंडिया’ भी सिन्धु (Indus) से ही आया है।

7. कावेरी (Kaveri) – दक्षिण की पुण्यसलिला

“कावेरी महाशुद्धा तव तीर्थे मनः स्थितम्।
पुण्ये पुण्यधारा सदा शरणागतं भव।”

अर्थ: हे कावेरी माता, आपकी पुण्यधारा से सभी पवित्र होते हैं। कृपया मुझे अपनी शरण में लें।

कावेरी का महत्व

🌊 कावेरी, दक्षिण भारत की प्रमुख नदी है।
🏞️ यह कर्नाटक और तमिलनाडु की जीवनरेखा मानी जाती है।
✨ इसे ‘दक्षिण की माँ’ भी कहा जाता है।
🔱 इसके तट पर कई प्राचीन शिव और विष्णु मंदिर स्थित हैं।


👉 ये सप्त नदियाँ केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, आस्था और इतिहास की जीवंत धरोहर हैं।
👉 ये न केवल भौगोलिक रूप से, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं।

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